सेवा
के इस अनूठे आयोजन से खुद को जोडें । वर्तमान के मोसमी फल जैसे आम, जामुन, चिकू इत्यादी जिनका
हममे से कोई भी उपयोग करने के बाद कृपया इनके बीज फेंके नही, बल्कि इन्हें पानी
से धोकर एक प्लास्टीक की थैली में रखते चलें और जब भी आप शहर से बाहर जावें- तब
जहां भी सूखी बंजर भूमि दिखे वहीं पर इन बीजों को फेंकें, अथवा सडक के ऐसे ही
किसी किनारे पर फेंकें । यदि हमारे इस सुकृत्य से एक बीज भी पनप कर पेड बन जाता है
तो समझें हमारा उद्देश्य सफल हो गया । यह किसी अकेले व्यक्ति का विचार नही हे
बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक मे बहुत से लोग इस अद्भुत मिशन से जुडे हैं । आज सुबह
ही एक लेख पढने के पश्चात ऐसा लगा कि क्यों
न हम
सभी साथी इस मिशन से जुडें एवम् इसे अपनी एक आदत बनालें । इसके अलावा...
1. कचरा सड़क पर ना फेंकें ।
2. सड़कों, दीवारों पे ना थूकें ।
3. नोटों, दीवारों पर ना लिखें ।
4. गाली देना छोड़ दें ।
5. पानी एवम् लाइट बचाएँ ।
6. एक पौधा लगाएँ ।
7. ट्रेफिक रूल्स ना तोडें ।
8. रोज़ माता पिता का आशीर्वाद लें ।
9. लड़कियों की इज्जत करें ।
10. एम्बुलेंस को रास्ता दें ।
देश को नहीं, पहले खुद को बदलें ।
जिस दिन भी हम
मरेंगे...अपने साथ एक पेड़ भी लेकर जलेंगे
इसलिये
प्रकृति का जो कर्ज रहेगा हम पर
वो तो चुका दो यारों...
जीते
जी दो पेड़ तो लगा दो यारों...!
आप सबसे निवेदन है, यह
मैसेज सिर्फ तीन से पांच लोगों तक जरूर भेजें... और उन लोगों से भी कहें कि यह
मैसेज आगे तीन से पांच लोगों को भेजें, हम
सब बलिदान ना सही पर देश के लिए इतना छोटा सा काम तो कर ही सकते है,,,
1. कचरा सड़क पर ना फेंकें ।
2. सड़कों, दीवारों पे ना थूकें ।
3. नोटों, दीवारों पर ना लिखें ।
4. गाली देना छोड़ दें ।
5. पानी एवम् लाइट बचाएँ ।
6. एक पौधा लगाएँ ।
7. ट्रेफिक रूल्स ना तोडें ।
8. रोज़ माता पिता का आशीर्वाद लें ।
9. लड़कियों की इज्जत करें ।
10. एम्बुलेंस को रास्ता दें ।
देश को नहीं, पहले खुद को बदलें ।
यदि
हम चाहते हैं कि हमारी संतानों को आने वाले समय में रहने को साफ व सुरक्षित माहौल
मिले तो हमें इन छोटे-छोटे नियमों को अनिवार्य रुप से अपनी आदत बना लेना चाहिये
वर्ना कोई भी मोदी, गांधी
अथवा केजरीवाल जैसे नेता भी अकेले कुछ सुधार नहीं कर पाएंगे जब तक कि इन छोट-छोटे
सामान्य नियमों को हम सभी अपनी जीवनचर्या का आवश्यक अंग ना बना लें । धन्यवाद...
बेहतरीन सोच...
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