आप सभी शुभचिंतक साथियों को बहुत-बहुत
धन्यवाद.
और श्री सत्यम शिवम जी को इसे चर्चामंच पर
स्थान देने हेतु विशेष धन्यवाद...
साथ ही मेरी ये शिकायत भी-
सबसे पहले ई-मेल सेक्शन में...
1. कुछ ब्लागर बंधु अपनी नई पोस्ट की जानकारी ई-मेल से ऐसे भेजते हैं जिनमें उपर 150-200 ई-मेल ID और नीचे भी 100-150 ई-मेल ID भरे होते हैं दिन भर में 10-12 ऐसे ई-मेल मुझे रोजाना प्राप्त होते हैं, और यह सम्भव नहीं हो सकता कि आप इन पोस्ट को पढें ही, इनमें से 10-15% पाठक भी वास्तव में इनकी पोस्ट तक पहुँच पाते हों ऐसा मैं नहीं समझता । अलबत्ता जिन प्राप्तकर्ताओं को भी ये ई-मेल पहुँचते हैं उन्हें इनको लगातार डीलिट करते रहने का एक काम और बढता जाता है । तो प्लीज आप मेहरबानी करके ऐसे कोई भी थोक ई-मेल ID वाले मेल भेजकर दूसरों का काम न बढावें ।
2.
ई-मेल से ही सम्बन्धित दूसरी
शिकायत उन जानकारों से भी जो अपनी पोस्ट या अन्य कोई जानकारी ई-मेल से भेजते तो
हैं, लेकिन
उनका ई-मेल इतनी पेचीदगियों से भरा होता है कि आप अपना नाम, ई-मेल ID, अपना जन्म दिनांक व अन्य सम्बन्धित
जानकारी बार-बार फीड करते रहो फिर भी उनकी मेल तक पहुँच पाना आसान नहीं होता, और ऐसे में जब इन्हें अपने मेल का
प्रत्युत्तर नहीं मिल पाता तो इनकी नाराजी भी स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती है । ऐसे सभी ई-मेल भेजने वाले ब्लागर साथियों से भी मेरा यह विनम्र अनुरोध है कि यदि
आपका ई-मेल आसानी से खुलने वाला नहीं है तो कृपया ऐसे मेल न भेजें । उसकी बनिस्बत
अपने ई-मेल आप तभी भेजें जब आप आश्वस्त हों कि बिना किसी अतिरिक्त लिखा-पढी के
आपका मेल संदेश प्राप्तकर्त्ता पढ भी सकते हैं और चाहें तो अपना उत्तर भी दे सकते
हैं ।
कुछ ब्लागर साथी अपनी पोस्ट या रचना
या चित्रावली जिसे वे अपने
स्वयं की वाल पर पोस्ट करके भी अपने पाठकों को दिखा सकते हैं वे उसके लिये मेरी वाल प्रोफाईल का प्रयोग न जाने क्यूं
करते हैं ? हालांकि
इससे मुझे विशेष कुछ परेशानी न है और न ही होना चाहिये, किन्तु समस्या यहाँ भी वही बनती है कि
उन मित्रों की उस पोस्ट या चित्र या जो कुछ भी वे मेरे वाल से प्रसारित करते हैं
उस पर समूचे फेसबुक जगत से जितनी भी प्रतिक्रियाएँ आती हैं वो सब मेरे ई-मेल खाते
पर जमा होती जाती हैं और उन सभी ई-मेल को डीलिट करते रहने का एक अनावश्यक कार्य
मेरे लिये निरन्तर पैदा होता रहता है । यहाँ मैं किसी का भी नाम नहीं लूंगा, लेकिन ये चाहूँगा कि वे दो-चार मित्र
जो अपनी पोस्ट, रचना, चित्र आदि मेरे वाल से फेसबुक के
साथियों को दिखा रहे हैं वे जब तक मेरा उससे कोई सीधा सम्बन्ध ना हो तब तक वे अपनी
उस प्रस्तुति को अपने ही वाल से पोस्ट करें । निश्चय ही तब भी वो मुझ सहित सभी पाठकों
तक पहुँच सकेगी और मेरे लिये अनावश्यक ई-मेल डीलिट करने का व्यर्थ कार्य नहीं
उपजेगा ।
मैं उम्मीद करता हूँ कि जिन तीन
श्रेणियों की शिकायतें मैं यहाँ आप सभीको दिखा रहा हूँ उनसे यदि आपका भी कोई जुडाव
रहा हो तो आप मेरी समस्या को समझते हुए इस पर ध्यान देंगे और भविष्य में मुझे ही
नहीं किसी भी अन्य ब्लागर साथियों को इस प्रकार अनावश्यक धर्मसंकट में डालकर
शिकायतों का मौका न देंगे ।
पुनः आप सभी को अनेकानेक धन्यवाद
सहित...
सुझाव और शिकायत दोनो दर्ज कर ली गयी हैं ………………जल्द से जल्द एक्शन लिया जायेगा।
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंहोली पर्व की अशेष हार्दिक शुभकामनाएं।
आपकी कृतज्ञता के कायल हैं!
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई!
आपकी शिकायतें ज़ायज़ हैं ।
जवाब देंहटाएंब्लोगर्स में यूँ ही सद्भावना बनी रहे , यही कामना है ।
आदरणीय सुशील बाकलीवाल जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
.............शिकायतें ज़ायज़ हैं ।
होली हार्दिक शुभकामनाएं।
रचनात्मकता किसी आग्रह की मोहताज नहीं होती .... आपने जो चिंता जताई है काफी हद तक बाजिव है ...आप यूँ ही निरंतर ब्लॉग जगत को अपने बेबाक विचारों से अवगत करवाते रहें ..यही कामना है ..आपका आभार
जवाब देंहटाएंसुशिल जी मुझे तो ई -मेल देंना ही नही आता --सिखुगी ?
जवाब देंहटाएंआपकी शिकायत जायज़ है, पता नहीं कोण लोग दूसरों के वाल पर अपना सन्देश ठोक आते हैं... हालाँकि आप सेटिंग में जाकर ईमेल का ऑप्शन बंद कर सकते हैं.
जवाब देंहटाएंश्री शाह नवाजजी
जवाब देंहटाएंये विकल्प मेरे भी दिमाग में है लेकिन तब हम ये भी नहीं जान पावेंगे कि हमारे कौनसे मित्र का जन्मदिन कब आकर निकल गया ।
शिकायत का यह तरीका पसंद आया २०० फोलोएर की बधाई....
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंआपका शुक्रिया और शिकायत करने का अंदाज बहुत ही शानदार और अपने आप में निराला लगा मुझे बहुत अच्छा लगा. २०० फोलोवर्स की बधाई....
जवाब देंहटाएंधन्यवाद के लिये धन्यवाद । हालांकि निश्चित ही आपकी तीनों शिकायत
जवाब देंहटाएंमें मेरी भागीदारी कहीं नहीं होगी । ..फ़िर भी मुझे लगता है कि आप स्वयं कहीं न कहीं
गलती पर है ।
1 जिनमें उपर 150-200 ई-मेल ID और नीचे भी 100-150 ई-मेल ID भरे होते हैं..
मेरे ख्याल में इन मेल आई डी से आपका कोई लेना देना नहीं होता । ये सेंडर द्वारा उतने
लोगों को एक साथ मेल किया गया है । आपको सिर्फ़ एक डिलीट मारना है । मेरे पास एक
दिन में अवांछित 150 मेल तक आते हैं ।
2- आपकी ये बात ठीक से मेरी समझ में नहीं आई । उदाहरण के लिये ये मेल मुझे भेजा
गया । From: VN Shrivastav
Add to Contacts
To: RAJEEV KUMAR KULSHRESTHA
अब ये संबन्धित कंपनी द्वारा क्लियर होने पर
गलत हो ही नहीं सकता । गलत होता । तो मेल नहीं आती ।
3 फ़ेस बुक पर जो भी मित्र आपसे जुङे हैं । उनके खुद के वाल पर किये अपडेट आपके वाल
पर स्वतः आते हैं ।अतः वो मैटर आपकी वाल पर पोस्ट नहीं करते । हाँ ई मेल जो फ़ेसबुक
आपको भेजती है । उसको आप डिसेबल कर दें । और इस तरह के अपडेट सीधा फ़ेसबुक पर ही
देखें ।
मैंने कमेंट में मेल एड्रेस भी पोस्ट किया था । पर वह न जानेक्यों प्रकाशित नहीं हुआ ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय सुशील बाकलीवाल जी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया और आपसे सौ प्रतिशत सहमत हु जी
आदरणीय सुशील जी,
जवाब देंहटाएंमित्रता के लिये अधिकांश मेल कम्पनीयों द्वारा प्रेषित होते है।
और सक्रियता का कुछ मोल तो चुकाना ही पडता है।
आपको पुनः बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंमान्यवर,
जवाब देंहटाएंब्लॉग लेखन में मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद |
----अमरनाथ 'मधुर'
मो. न. 9457266975
फॉलोअरों की संख्या बहुत-सी चीजों का निचोड़ होती है। मेरे लिए अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि आप महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंप्रणाम गुरूजी , सबसे पहले तो डबल सेंचुरी की बहुत बहुत बधाई | जहाँ तक रही बात आपकी शिकायतों की तो मैं काफी हद तक राजीव सर से सहमत हूँ | बाकि आप मुझसे बहुत senior hain meri इतनी samarth नहीं कि मैं kuch bhi kah sakoon | barhaal mujhe तो hamesha आपकी post ka intazaar rahata hai , par sach kahoon तो kisi tarah ka comment bhejane कि himmat नहीं juta pati , kyuki ek shishya hone ke nate मैं apne comments से apko ankane कि gustakhi नहीं kar sakati | par is post par kuch likhane से khud ko rok नहीं payi |
जवाब देंहटाएंagar कोई galati ho gayi ho mafi chahati हूँ |
प्रणाम |||||||||||||||
आपकी शिकायतें सही हैं ..विशेष रूप से FB पर पिक्चर लगा कर टैग करने से बहुत परेशानी होती है ...पर क्या कह सकते हैं ? डिलीट करते रहते हैं :)
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा अति उत्तम असा लगता है की आपके हर शब्द में कुछ है | जो मन के भीतर तक चला जाता है |
जवाब देंहटाएंकभी आप को फुर्सत मिले तो मेरे दरवाजे पे आये और अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाए |
http://vangaydinesh.blogspot.com/
धन्यवाद
आपकी सहृदयता का कायल हूँ.शिकायतें बहुत सही हैं आपकी.
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