हम सभी देशवासी बधाई के पात्र हैं कि हमने 23 मार्च 2020 से आज तक लगभग
तीन महीने से भी अधिक समय
बिना किसी सहायता के पूरे जी लिये हैं और इसी अवधि में यथासंभव जरुरतमंदों की मदद
की इंसानियत भी सीख ली ।
यह समय लगभग हम सभी ने बिना किसी घरेलू सेवक के, बिना जंकफूड के, बिना शॉपिंग किये, बिना होटल,
रेस्टोरेंट में बाहर खाना खाये हुए, बिना किसी
सिनेमा हाल गये हुये, बिना किसी शादी, ब्याह, पार्टी मै गये हुये, बिना किसी ब्यूटी पार्लर अथवा सैलून गये हुये, बिना गोलगप्पे, पापड़ी, छोलेभटूरे, टिक्की, पावभाजी, मिठाई
बाहर खाये हुये, नौकरी या व्यवसाय की छुट्टी मनाते हुए भी भरपुर घरेलू व्यंजनों के
आधार पर व्यतीत कर लिये और वैश्विक महामारी के इस दौर में अपने मनोबल को बनाये
रखने में हम अब तक सफल रहे हैं ।
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ज़िन्दगी वाकई बहुत खूबसूरत है, चल रही है, दौड़ रही
है, बिना
किसी बाहरी सहारे से आप और हम सभी अब तक सुरक्षित हैं,
और अब बंदिशों
वाले जीवन का चौथा महीना शुरू हो गया है ।
फिलहाल अपनी इन आदतों को बनाये रखें, सदा स्वस्थ रहें,
मुस्कुराते रहें । यह सब परिस्थितियां एक अत्यंत सूक्ष्म जीव के कारण निर्मित हुई
हैं जो बिना किसी गुरू या स्कुल कालेज के हमें यह समझाने में सक्षम रही है कि कभी
भी किसी को छोटा मानकर कम मत आँको और सदैव अपने से छोटे को भी सम्मान दो ।
अब आगे की यदि बात की जावे तो भारत में फिलहाल नित्य प्रतिदिन
संक्रमित व्यक्तियों के आंकडे बढते ही जा रहे हैं और अतिशयोक्ति भी समझें तो BBC के
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आने वाले समय में 30 करोड़ लोग कोरोना के
चपेट में आ सकते हैं और हर 5 में से 1 व्यक्ति क्रिटिकल होगा ।
मतलब लाखों लोगों को स्पेशल ट्रीटमेंट्स की जरूरत होगी जबकि देश में
कुल 1 लाख ICU वार्ड हैं । रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका, स्पेन, व इटली जैसे अतिसंक्रमित देशों के बाद भारत अगला बड़ा शिकार बन सकता है ।
वैसे भी हमारे देश की जनसंख्या उपरोक्त देशों से कई गुना अधिक है, अतः यदि ऐसा
होता भी है तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं होगी ।
अभी भी लगातार अनेकों लोगों द्वारा लापरवाहिया बरती जा रही है । ध्यान
रहें जब मामला हाथ से निकल जाएगा तो इसे रोकने की ताकत किसी के अंदर नहीं होगी जब अमेरिका
जैसा शक्तिशाली देश इसके आगे आज हार मान चुका है तो फ़िर हम क्या हैं ।
आने वाला महिना भारत के लिए निर्णायक साबित होगा । अतः जब तक ये मसला
ठंडा न पड़ जाए तब तक आप बगैर किसी विशेष आवश्यकता के घर से बाहर न निकलें ! सरकार
ने तो मजबूरीवश लॉकडाउन खोल दिया है, लेकिन आप सावधान रहें क्योंकी सरकार की नजर
में आप मात्र एक संख्या हैं लेकिन अपने परिवार के लिए आप पूरी दुनिया हैं । आप का जीवन आपके परिवार के लिए अनमोल है । खतरे का मुख्य संकेत इसी
से समझ लें कि रेलवे ने 12 अगस्त तक रेल-परिचालन बंद की घोषणा कर दी है ।
अतः पर्याप्त सावधान रहें, मजबूरी में जब भी घर से बाहर निकलें तो
अपनी नाक व मुँह को मास्क द्वारा सुरक्षित रखते हुए निकलें । भीड वाले क्षेत्रों
में यथासम्भव ना जावें । लोगों से 6 नहीं तो भी कम से कम 4 फीट की दूरी रखकर ही
अपनी बात करें व बाजार से कुछ भी लेन-देन करते वक्त अपने हाथ को सेनेटाईज अवश्य
करें । वापस घर आते ही अच्छी तरह से अपने हाथ व चेहरा साबुन से साफ कर व आवश्यक
कपडे बदल कर ही घर के सदस्यों के सम्पर्क में आवें ।
अंत में महाभारत युद्ध की एक छोटी सी कथा में दर्शित सावधानी अपने
दिमाग में रखें वह ये कि –
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महाभारत युद्ध में अपने पिता द्रोणाचार्य के धोखे से मारे जाने पर
अश्वत्थामा बहुत क्रोधित हो गये । उन्होंने पांडव सेना
पर एक बहुत ही भयानक अस्त्र "नारायण अस्त्र" छोड़ दिया । इसका कोई भी प्रतिकार नहीं कर सकता था । यह जिन लोगों के हाथ
में हथियार हो और लड़ने के लिए कोशिश करता दिखे उस पर अग्नि बरसाता और उसे तुरंत नष्ट कर देता था । तब भगवान श्रीकृष्ण ने सेना को अपने
अपने अस्त्र-शस्त्र छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर खड़े रहने का आदेश दिया और कहा मन में युद्ध करने
का विचार भी न लाएं, यह उन्हें भी पहचान कर नष्ट कर देता है ।
नारायण अस्त्र धीरे-धीरे अपना समय समाप्त होने पर
शांत हो गया और इस तरह पांडव सेना की रक्षा हो गई ।
अब इस कथा-प्रसंग का औचित्य समझें-
हर जगह लड़ाई सफल नहीं होती । प्रकृति के प्रकोप
से बचने के लिए हमें भी कुछ समय के लिए अपने सारे काम छोड़ कर, मन में
सुविचार रख कर एक जगह ठहर जाना चाहिए, तभी हम इसके कहर से बचे रह पाएंगे ।
कोरोना भी अपनी समयावधि पूरी करके शांत हो जाएगा । यह भगवान श्रीकृष्णजी का बताया हुआ उपाय है, जो
व्यर्थ नहीं जाएगा । अतः अभी भी अधिक से अधिक
अपने घर पर रहें व सुरक्षित रहें ।
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