एक वास्तविक घटना- पान की
दुकान पर खडे एक 36-37 वर्षीय युवक से
बातचीत के कुछ अंश...
मैनें
पूछा- कुछ कमाते धमाते क्यों नहीं ?
वह
बोला-- क्यों ?
मैं
बोला-- शादी कर लो ?
वह
बोला-- पहले ही हो गई ...
मैं
बोला-- कैसे ?
वह
बोला-- मुख्यमंत्री कन्यादान
योजना से...
मैं
बोला-- फिर बाल-बच्चों के
लिये कमाओ ?
वह
बोला-- जननी सुरक्षा से
डिलिवरी फ्री और साथ मे 1400 रू का चेक...
मैं
बोला-- बच्चों की पढ़ाई-लिखाई
के लिये कमाओ ?
वह
बोला-- उनके लिये पढ़ाई, यूनिफार्म, किताबें और भोजन सब सरकार की तरफ़ से
फ्री ! साथ में लड़का कॉलेज
जा रहा है, BPL होने की वजह से उसे
स्कॉलरशिप भी मिलती है, हम उससे ऐश करते हैं ।
मैं
बोला-- यार घर कैसे चलाते हो ?
वह बोला- छोटी लड़की
को सरकार से साईकिल मिली है, लड़के को लेपटॉप मिला
है । माँ-बाप को वृद्धावस्था पेन्शन मिलती है, और
1 रूपये किलो गेहूं और चावल भी तो मिलता
है ।
मैं
झुंझला कर बोला- यार माँ-बाप को
तीर्थयात्रा के लिये तो कमाओ ?
वह
बोला- दो धाम करवा दिये हैं, मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना से...
मुझे
गुस्सा आया और मैं बोला--
माॅ
बाप के मरने के बाद उनके क्रिया-कर्म के लिये तो कमा ?
वह
बोला-- 1 रू में विद्युत शवदाह
गृह है ना !
मैंने
कहा-- अपने बच्चों की शादी
के लिये तो कमा..?
वह
मुस्कुराया और बोला-- फिर वहीं आ गये...
वैसे ही होगी जैसे मेरी हुई थी !😀
यार
एक बात बता ये- इतने अच्छे कपड़े तू कैसे पहनता है ?
वह
बोला-- राज की बात है.. फिर भी मैं बता देता हूँ...
"सरकारी
जमीन पर कब्जा करो, आवास योजना मे लोन लो
और फिर औने-पौने में मकान बेच कर फिर से जमीन कब्जा कर पट्टा ले लो !"
तुम
जैसे लाखों लोग काम करके हमारे लिए टैक्स भर ही रहे हैं । किसान भी मेहनत से खेती करके
अनाज पैदा करता है और सरकार उनसे लेकर हमें मुफ़्त भी देती है, तो फिर हम काम क्यों करें ।
बस
यही है बेसहारा कहे जाने वाले निम्न वर्ग के लिये सरकारी रियायती योजनाओं का सच...
बढ़िया।
जवाब देंहटाएंपर कितना कडवा है ये सच ...
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