विवाह संस्कार |
हाल के दिनों में एक निमंत्रण ऐसा प्राप्त हुआ जिसमें विवाह संस्कार की निमंत्रण पत्रिका की सिर्फ फोटो इमेज ही वॉट्सएप पर प्राप्त हुई और न
सिर्फ उस वॉट्सएप मैसेज में बल्कि दूसरे दिन टेलीफोन पर भी सम्बन्धित प्रेषक की
ओर से व्यक्तिगत रुप से शादी में पधारने का आग्रह भी मिल गया । उस विवाह में शामिल होने पर यह भी समझ में आ गया कि उन सज्जन ने लगभग सभी निमंत्रण
पत्र किसी भी मेहमान के घर जाकर नहीं दिये और इसके बावजूद भी उनके इस विवाह समारोह में 80% से भी अधिक मेहमान उपस्थित हो चुके थे ।
विवाह संस्कार में अनुपयोगी
विपरीत इसके पिछले ही सप्ताह दूसरी खबर जो समाचार पत्र में पढी वो ये
थी कि नजदीकी गांव से एक भाई अपनी बहिन के विवाह संस्कार की निमंत्रण पत्रिकाएं अपने
रिश्तेदारों के घर जाकर बांटने के लिये शहर आया और शहर में ही रहने वाली अपनी भाभी
को स्कूटर पर बैठाकर शहर में मौजूद अन्य रिश्तेदारों के घर जाते समय रास्ते में सडक दुर्घटना का शिकार होकर दोनों देवर-भाभी गंभीर रुप से घायल अवस्था में अस्पताल
जा पहुँचे ।
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निश्चित रुप से पुरानी सोच के मुताबिक लोगों का यह दबाव अपने परिजनों पर रहता ही है कि रिश्तेदारों के घर जाकर यदि हमने उन्हें अनुनय-विनय के साथ आमंत्रित नहीं किया तो वे बुरा मान जाएंगे और हो सकता है कि हमारे घर के इस विवाह जैसे महत्वपूर्ण आयोजन में वे आवें ही नहीं ।
विवाह संस्कार में आज-
किंतु अब यहाँ यह सोचना भी हम सभी के लिये आवश्यक है कि प्रचलित
परम्पराएं हमारे पुरखों के समय से तब से चली आ रही हैं जब जनसंख्या कम थी और उसी
अनुपात में सडकों पर दौडते-भागते ट्राफिक के साथ ही रिश्तेदारों के घरों की
दूरियां भी आज जितनी अधिक नहीं होती थी । तब उन स्थितियों में प्रत्येक रिश्तेदार
के घर जाकर स-मनुहार निमंत्रण देना न सिर्फ उचित था बल्कि अच्छा भी लगता था ।
जबकि आज स्थितियां बिल्कुल बदल गई हैं । हर व्यक्ति व्यस्तता में
दौडते-भागते अपनी जिंदगी जी रहा है । दिन दूनी - रात चौगुनी बढती जनसंख्या के दबाव
से लोगों के घरों की दूरियां और सडकों पर बढ रहा वाहनों व यातायात का दबाव सडकों को
दिनोंदिन और अधिक असुरक्षित बना रहा है । दूसरी ओर आधुनिकता के इस दौर में लगभग हर
मध्यमवर्गीय व्यक्ति अपने हाथ में स्मार्टफोन लेकर ज्यादा नहीं तो भी फेसबुक और
वॉट्सएप जैसे मीडिया माध्यमों से तो जुडा ही हुआ है ।
विवाह संस्कार में उपयोगी |
व्यक्तिगत और सामूहिक रुप से एक-दूसरे से जुडे मीडिया माध्यम वॉट्सएप
पर वैसे भी हम सभी दिन भर गैरजरुरी गुड मॉर्निंग से लगाकर अन्य मैसेज, चित्र व
वीडिओ एक दूसरे के साथ शेअर करके आसानी से यह भी समझ लेते हैं कि हमारा संदेश
हमारे परिचित के पास न सिर्फ पहुंच गया है बल्कि उसने वह देख भी लिया है, तब यह
बिल्कुल उचित है कि काम के बढते दबाव के चलते हम अपने घरों में होने वाले विवाह संस्कार की निमंत्रण पत्रिकाएं भी वॉट्सएप के द्वारा भेज दें और फिर उन्हीं परिचितों
व रिश्तेदारों को मोबाईल फोन पर अलग से आने के लिये साग्रह निमंत्रित भी करदें । इससे
न सिर्फ हम सभी का महत्वपूर्ण समय बचेगा बल्कि आने-जाने व रुकने-बैठने की मेहनत के
साथ ही आर्थिक बचत भी इससे हो सकेगी ।
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आर्थिक बचत की बात न भी कि जावे तो भी महत्वपूर्ण समय के साथ ही
दूर-दराज के क्षेत्रों में आने-जाने का विवाह से सम्बन्धित सबसे बडा काम इस प्रकार आसानी से
संपादित हो सकेगा और हमारे मेहमानों तक भी यह संदेश पहुंचेगा कि वे भी न
सिर्फ इस निमंत्रण को सहर्ष स्वीकारें बल्कि उनके परिवारों में होने वाले विवाह
संस्कार जैसे व्यस्तता से भरपूर कार्यों में वे भी इसी माध्यम से अपना कीमती समय, खर्च और अनावश्यक भागदौड से
स्वयं को मुक्त रखते हुए दूसरे आवश्यक कार्यों में अपने उस
बचे हुए समय का सदुपयोग कर सकें ।