आप कोई भी हों – आप कुछ भी हो – ये 5 बातें जानना आपके लिए बहुत जरूरी है-
बहोत सी ऐसी बातें- जिन्हें प्रायः हम ज़िंदगी में महत्व नहीं देते... “जाने दो, छोड़ो, बाद में देख लेंगे, हमें क्या करना है…” जैसे शब्दों का प्रयोग करके बातें भूल जाया करते है और ज़िंदगी में आगे बढ़ जाते है । लेकिन क्या आप जानते है– हमारे देश में सामान्य मानव अधिकार से जुडे इन मुद्दों की कानूनन कुछ ऐसी हकीक़तें हैं, जिसकी जानकारी हमारे पास नहीं होने के कारण हम समय आने पर अपने सामान्य अधिकारों से वंचित रह जाते है ।
जानिये 5 ऐसे सामान्य अधिकारों के बारे में, जो हममें से किसी के भी जीवन में कभी भी उपयोगी हो सकती है-
1. शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती-
कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो. अगर पुलिस ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है. इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है ।
2. गेस सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है-
4. गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकला जा सकता-
मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता. मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है. इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है ।
5. पुलिस अफसर आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकता-
आईपीसी के सेक्शन 166ए के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी आपकी कोई भी शिकायत दर्ज करने से इंकार नही कर सकता. अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वरिष्ठ पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. अगर वो पुलिस अफसर दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 1 साल तक की जेल हो सकती है या फिर उसे अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है ।
इन रोचक फैक्ट्स को आप तक WhatsApp के द्वारा मोबाईल to मोबाईल आगे बढाया जा रहा है । इन आवश्यक तथ्यों को आगे के लिये भी अपने ध्यान मैं रखना, हर किसी के लिये उपयोगी ही रहेगा क्योंकि हमारे सामान्य अधिकारों के रुप में ये किसी के भी जीवन में कभी भी किसी महत्वपूर्ण अवसर पर काम में आ सकते हैं ।
बहोत सी ऐसी बातें- जिन्हें प्रायः हम ज़िंदगी में महत्व नहीं देते... “जाने दो, छोड़ो, बाद में देख लेंगे, हमें क्या करना है…” जैसे शब्दों का प्रयोग करके बातें भूल जाया करते है और ज़िंदगी में आगे बढ़ जाते है । लेकिन क्या आप जानते है– हमारे देश में सामान्य मानव अधिकार से जुडे इन मुद्दों की कानूनन कुछ ऐसी हकीक़तें हैं, जिसकी जानकारी हमारे पास नहीं होने के कारण हम समय आने पर अपने सामान्य अधिकारों से वंचित रह जाते है ।
जानिये 5 ऐसे सामान्य अधिकारों के बारे में, जो हममें से किसी के भी जीवन में कभी भी उपयोगी हो सकती है-
1. शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती-
कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो. अगर पुलिस ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है. इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है ।
2. गेस सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है-
पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारण आपके घर में सिलेंडर
फट जाता है और आपको जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप
तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते हैं. आपको बता दे कि गैस कंपनी से 40 लाख
रूपये तक का बीमा क्लेम कराया जा सकता है. अगर कंपनी आपका क्लेम देने से मना करती है या
टालती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है. दोषी पाये जाने पर गैस कंपनी का लायसेंस
रद्द हो सकता है ।
3. कोई भी हॉटेल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों ना हो,
आप फ्री में पानी पी सकते हैं और वाशरूम इस्तमाल कर सकते हैं-
इंडियन सीरीज एक्ट, 1887 के
अनुसार आप देश के किसी भी हॉटेल में जाकर पानी मांगकर पी सकते है और उस हॉटल का वाश रूम भी इस्तेमाल कर सकते हैं. हॉटेल छोटा हो या 5 स्टार, वो
आपको रोक नही सकते. अगर हॉटेल का मालिक या कोई कर्मचारी आपको पानी पिलाने से या
वाशरूम इस्तमाल करने से रोकता है तो आप उन पर कारवाई कर सकते है. आपकी शिकायत से उस हॉटेल का लायसेंस रद्द हो सकता है ।
4. गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकला जा सकता-
मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता. मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है. इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है ।
5. पुलिस अफसर आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकता-
आईपीसी के सेक्शन 166ए के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी आपकी कोई भी शिकायत दर्ज करने से इंकार नही कर सकता. अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वरिष्ठ पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. अगर वो पुलिस अफसर दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 1 साल तक की जेल हो सकती है या फिर उसे अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है ।
इन रोचक फैक्ट्स को आप तक WhatsApp के द्वारा मोबाईल to मोबाईल आगे बढाया जा रहा है । इन आवश्यक तथ्यों को आगे के लिये भी अपने ध्यान मैं रखना, हर किसी के लिये उपयोगी ही रहेगा क्योंकि हमारे सामान्य अधिकारों के रुप में ये किसी के भी जीवन में कभी भी किसी महत्वपूर्ण अवसर पर काम में आ सकते हैं ।
सौर्स : WhatsApp
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (11-07-2016) को "बच्चों का संसार निराला" (चर्चा अंक-2400) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " सिनेमा का गाना और ताऊ की कमेंट्री - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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