27.11.10

दिखावे की दुनिया.

              अजी शादी में जाना है, मेरी सभी साडियां पहनी हुई लग रही हैं, मैं क्या पहनूँगी ? ऩई साडी दिलवादो ना । श्रीमतिजी की इस मीठी सी मनुहार को मैं सुनता रहा और मन ही मन यह सोचता भी रहा कि आलमारी में साडियां रखने की जगह तक तो दिख नहीं रही है । दो तीन सूटकेस और पलंग के ड्राज तक में भी बंधी हुई पोटलियों में साडियों के ढेर लगे हैं, लेकिन विरोधस्वरुप कुछ बोलना तर्कसंगत नहीं था । क्योंकि तब अच्छी भली सुख की जान को छोटी-मोटी बहस के दुःख में डालना भी तय होता । लिहाजा साथ जाकर श्रीमतिजी की इच्छापूर्ति करवा लाया, समस्या सुलझ गई । जबकि समस्या क्या थीसिर्फ ये दिखावा कि उसकी कमीज मेरी कमीज से ज्यादा सफेद कैसे

       इधर आज सुबह समाचार पत्र में पढा- एक बिल्डर से किसी मिडिल क्लास नेताजी के मतभेद होने पर सत्तामद में चूर नेताजी आधी रात को अपने पट्ठों को साथ लेकर बिल्डर के घर में तोडफोड करने के साथ ही उसकी सुताई भी कर आए । बिल्डर भी अपने पैसों की ताकत में मार खाकर चुप कैसे रह जाते । उन्होंने तुरन्त एक परिचित पुलिस अधिकारी को फोन लगाकर ओपन आफर दे दिया कि मेरे सामने इन नेताजी को जितने भी थप्पड पडवा सकते हो उतने दस हजार रुपये नगद दूँगा । प्रति थप्पड दस हजार रुपये का आफर पर्याप्त आकर्षक था । लिहाजा उन नेताजी को भी रात में ही अचानक थाने लाया गया और वे कुछ समझ पाते तब तक एक छोटे अधिकारी ने तडा-तड छः थप्पडों से नेताजी को बिल्डर के सामने नवाज दिया और तब बिल्डर ने भी तत्काल उन अधिकारी महोदय को 60,000/- रु. का नगद भुगतान करके नेताजी को दिखा दिया कि हम किसी से कम नहीं ।

        कल आयकर विभाग के अधिकारियों ने इन्दौर के सराफा बाजार के जिन दो बडे व्यापारियों के यहाँ दबिश दी वे महाशय अपने धन्धे से करोडों करोड की सम्पत्ति बनाकर एक करोड की आमदनी भी नहीं दिखा रहे थे । जबकि हमारे एक परिचित कम इन्कम के कारण अपनी आमदनी बढा-चढाकर इन्कम टेक्स में दिखा रहे हैं । जिससे कि एक नम्बर की इन्ट्री पर उधारी दिखाते हुए दो नम्बर वालों से निश्चित आमदनी बनाए रखी जा सके ।

       इधर अमिताभ बच्चन भी ट्रेक्टर पर बैठकर फोटो-शोटो खिंचवाकर जनता व सरकार को ये दिखाने में लगे हैं कि खेती की जो जमीन मैंने खरीदी हुई है उस पर वाकई में मैं ही खेती कर रहा हूँ ।

      सुबह से शाम तक हममें से प्रत्येक के सामने अनेकों उदाहरण गुजरते दिखते हैं जहाँ लोग नकली चेहरे के आधार पर सामने वालों को सिर्फ अपने दिखावे से भरमाने के प्रयास में लगे दिख रहे होते हैं । एक ही लक्ष्य कि जो हम हैं वो न दिखेंजो नहीं हैं वो दिखते रहें । क्या हमारा ये ब्लागवुड इसका अपवाद है ? शायद नहीं । क्योंकि यदि यहाँ भी दिखावे का बोलबाला न होता तो आए दिन यहाँ विरोधाभासी लेख आरोप-प्रत्यारोपों के क्यों पढने को मिल रहे होते ?

        बेचारे स्व. गुरुदत्त. इस विरोधाभासी स्थिति से तालमेल न बिठा पाने के कारण ये कहते हुए इस दुनिया से रुखसत हो गए-

         ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ?

9 टिप्‍पणियां:

  1. Shriman pahli bar aya hun.Aapka blog achha hai.Dosti ka hath badhaiye aur mere blog par visit karen. Dhanyavad.

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  2. arey wah....kya khoob kaha hai sir...bohot badhiya....accha laga yahan aakar. mere blog par aane ka shukriya, ke mujhe yahan aane ka raasta mila.

    par yun bhi to hota hai kabhi....
    kal bazaar se hokar aate hue unhone poocha, bataao, ab kahan chalna hai. maine hichkichate hue kaha, ke ek nayi dress le lete, mere liye, aur aapke liye bhi ek acchi si shirt leni thi...unhone kaha...ok, thik hai. us waqt main unke peeche bike par baithi thi. khush hokar main describe karne lagi...ke ji, aisa suit, aisi shart, dupatta mere liye lamba hona chahiye, cotton nahin, sardiyaan aa gayi hain, ab kuch aur lenge, ye, wo....wo sunte rahe, gardan hilaate rahe.....thodi der baad bole...accha ab mazaak chodo, seriously batao, aur kuch kaam reh gaya ya chalein ghar.....!!!!!

    well...thats my story....moral....pati ko manana itna bhi aasaan nahin, aapki ardhangini ji se kuch seekhna hoga mujhe ;)

    bohot accha laga aapse batiyaake :)

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  3. .

    सुशील जी,

    यही तो अफ़सोस है की लोग मुखौटा लगाए होते हैं। और आरोप-प्रत्यारोप का बाज़ार तो सदैव गरम ही रहता है। ज़रुरत है खुद को बचा कर रखने की । एक सार्थक लेख के लिए बधाई।

    .

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  4. बढ़िया मनोरंजक लेख ..आखिर तक पढ़ा गया ! शुभकामनायें आपको !
    :-))

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  5. बहुत अच्छी पेशकश| धन्‍यवाद|

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  6. दुनियाँ जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है । मिल जाए तो मिट्टी है , खो जाए तो सोना है । बस इसी बात का तो रोना है भाई साब । ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है , अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"

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  7. बहुत सुन्दर ..... बढ़िया पोस्ट ...दुनिया के इस बईब्रेशन को अपने शब्द शक्ति से ब्लॉग पर टंकित करने के लिए धन्यवाद .

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आपकी अमूल्य प्रतिक्रियाओं के लिये धन्यवाद...

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