आजकल हम सडकों के सीमेंटीकरण के युग में रह रहे हैं । सडकों से नालियां गायब हो गई हैं । सीमेंट सडक के बनने के बाद रहवासी बची हुई साईड की सडकें भी या तो गार्डनिंग के नाम पर जालियों के द्वारा अपने कब्जे में कर लेते हैं, या अपने घर के बाहर सुन्दरता बढा लेने के प्रयास में टाईल्स लगवाकर पेक कर देते हैं । सीमेन्ट की सडकें भी ब्लाक बनाकर छोटे-छोटे हिस्से में बनती हैं अतः रोड निर्माता ठेकेदार चाहे जितना आश्वासन दे वो सडक का ढाल व्यवस्थित नहीं रख पाता और लगभग हर दूसरे घर के सामने बारिश के मौसम में लगातार बरसने पर उत्पन्न जल-जमाव की बडी समस्या की तो अलग बात, सामान्य दिनों में भी घरों व गाडियों की साफ-सफाई और गार्डनिंग से बहता हुआ पानी घरों के बाहर लगातार जमा रहकर गन्दगी व मच्छरों की महामारी में बढौतरी करते दिखाई देता है और नागरिक इस समस्या को झेलने पर मजबूर रहते हैं ।
यदि आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं तो इसका एक आसान उपाय यह है कि पानी के भराव स्थल को चिन्हित करके उस जगह 12”X12” इंच का लगभग 12” या 15” इंच गहरा गड्ढा खुदवाकर उसमें सडक के लेबल तक गिट्टी भरवा दें । सीमेन्ट की सडक की मोटाई प्रायः 4” से 8” तक होती है । आपके एक या सवा फीट के गड्ढे के कारण भरे हुए पानी को नीचे कच्ची जमीन मिल जाती है और वो आसानी से जमीन में उतर जाता है ।
आपके इस उपाय से एक ओर जहाँ मात्र 400/- 500/- रु. के खर्च और थोडे से प्रयासों से आप हमेशा के लिये जल-जमाव के कारण उत्पन्न कीचड व मच्छरों की समस्या से मुक्ति पा लेते हैं वहीं जमीन जिससे लोग बोरिंग लगा-लगाकर निरन्तर पानी खींचते चले जा रहे हैं और जमीन का जलस्तर रिचार्जिंग की कमी के कारण निरन्तर नीचे उतरता जाकर न सिर्फ पर्यावरण के लिये बल्कि हमारी आने वाली संतति के लिये भी चिंता का कारण बनता जा रहा है, धीरे-धीरे ही सही उस समस्या का समाधान भी इस उपाय द्वारा होता चला जावेगा और यदि आपके घर में आपका अपना बोरिंग है तो इस माध्यम से आपको अपने बोरिंग में गर्मी के मौसम में भी पानी की कमी की समस्या नहीं देखनी पडेगी ।
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