24.10.11

सुख, शान्ति व सफलता के लिये.- वास्तु दीप.


       
       दीपावली महोतसव की आज धनतेरस से शुरुआत हो चुकी है और आज से लगाकर भाई-दूज तक सभी हिन्दू धर्मावलंबी अपने-अपने घरों को अपनी सामर्थ्य अनुसार दीपक की रोशनी से सुसज्जित कर रहे होंगे । इस अवसर पर मैं आपका परिचय एक ऐसे सुमंगल दीपक से करवाना चाह रहा हूँ जिसका प्रयोग आप अपने घर में साल के 365 ही दिन नियमित रुप से यदि कर सकें तो सामान्य मान्यता के अनुसार आपके घर-परिवार में सुख-शान्ति व सफलता सदा बरकरार रहते हुए घर के सभी सदस्य अनावश्यक बीमारियां, मानसिक तनाव, असन्तोष और आर्थिक समस्याओं से बहुत हद तक बचे रह सकते हैं ।

         

           

      इस सुमंगल दीपक की जानकारी निरोगधाम पत्रिका में दिल्ली निवासी वास्तुविद पं. गोपाल शर्माजी के द्वारा करीब 10 वर्ष पूर्व प्रकाशित हुई थी जो इसकी उपयोगिता के अनुसार आपके लिये प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ । इनकी इस जानकारी के अनुसार-


नीचे लिंक पर क्लिक कर ये उपयोगी जानकारी भी देखें... धन्यवाद.

           
          एक कांच या चीनी मिट्टी का लगभग 5" 6" इंच व्यास का कटोरा लें और उसे आधे से कुछ अधिक पानी से भरदें । अब इसमें कांच का एक गिलास उल्टा करके इस प्रकार से रख दें कि वह छोटे दीपक के लिये एक स्टेन्ड सा बन जावे और फिर उसके उपर एक छोटा कटोरा कांच का लेकर उसमें घी, तेल या मोम अपनी सामर्थ्य अनुसार भर कर उसमें रुई की सामान्य बत्ती बनाकर लगा दें । अब उस बडे कटोरे के पानी में लोहे के कुछ छर्रे जो साईकिल की दुकान पर या बाल बेरिंग की दुकान पर उपलब्ध हो सकते हैं उन्हे इसमें डाल दे । कांच की कुछ गोटियां (बच्चों के खेलने की) भी इसी पानी में डाल दे और अन्त में एक फूल की कुछ पंखुडियां भी इस पानी में डालकर सूर्यास्त के बाद इस दीपक को प्रज्जवलित कर अपने घर के बैठक के कमरे में दक्षिण पूर्व दिशा (आग्नेय कोण) में रख दें । यदि इस क्षेत्र में इसे रखने में कुछ असुविधा लग रही हो तो वैकल्पिक स्थान के रुप में आप इसे दक्षिण पूर्व की दिशा में भी रख सकते हैं । यदि घर में विवाह योग्य कन्या हो और उसके विवाह में किसी भी प्रकार की अडचन आ रही हो तो इस दीपक को आप उस कन्या के कमरे में इसी दिशा में रख सकते हैं । मान्यता यह भी है कि इस उपाय से कन्या के विवाह में आ रही बाधाएँ भी दूर हो जाती हैं ।

           हमारा शरीर जिन पंचतत्वों (पृथ्वी, जल, काष्ठ, धातु और अग्नि) से निर्मित है उन्हीं पंचत्तवों का सन्तुलन इस दीपक के द्वारा हमारे घर-परिवार में कायम रहता है और इसी सामंजस्य से जीवन में नकारात्मकता दूर होकर सकारात्मकता बनी रहती है जो हमारे शान्तिपूर्ण, सुखी व समृद्ध जीवन में मददगार साबित होती है ।


नीचे लिंक पर क्लिक कर ये उपयोगी जानकारी भी देखें... धन्यवाद.

           प्रतिदिन सूर्यास्त के बाद जलाये जाने वाले इस दीपक को आप सोने के पूर्व बन्द भी कर दें और कटोरा रात भर वहीं रखा रहने दें । सुबह इस पानी को किसी गमले में डाल दें व एक कांच की बोतल में पानी भरकर दिन भर उसे धूप में रखा रहने दें । धूप न भी हो तब भी इस बोतल को बाहर खुले में ही रखें और सूर्यास्त के बाद यही पानी इस कटोरे में भरकर यह दीपक इस विधि से जलाकर सोने के पूर्व तक इसे जलता रहने दें । वास्तुशास्त्र के अन्य सरल व सर्वत्र उपयोगी मुख्य नियम व सीद्धांत को समझने के लिये आप वास्तुशास्त्र के सर्वत्र उपयोगी प्रचलित नियम इस लेख को भी यहीं अंडरलाईन वाले शीर्षक को क्लिक करके देखें । 


         
दीपपर्व की अनेकानेक शुभकामनाओं के साथ...

        यदि आपको इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेखों का यह प्रयास अच्छा लगता है तो कृपया इस ब्लॉग को फॉलो कर हमारा उत्साहवर्द्धन करें । आप अपनी रुचि के अनुकुल और क्या इस ब्लॉग में देखना-पढना चाहते हैं कृपया टिप्पणी बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें । धन्यवाद सहित...



30 टिप्‍पणियां:

  1. dhanteras kee bahut hi sundar jaankari..
    jhula wala chitra badiya laga..
    sundar prastuti hetu aabhar
    Deepawali kee haardik shubhkamnayen!

    जवाब देंहटाएं
  2. आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  3. आपको और आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छी जानकारी मिली

    दीपावली की शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  5. आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ|

    जवाब देंहटाएं
  6. हार्दिक शुभकामनायें आपको भी....

    जवाब देंहटाएं
  7. दीवाली की बहुत बहुत शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  8. अच्छी जानकारी....
    आपको दीप पर्व की सपरिवार सादर बधाईयां....

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर
    दीपमालिका पर्व की हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  10. अच्छी जानकारी
    आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें….!

    संजय भास्कर
    आदत....मुस्कुराने की
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  11. दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें|

    जवाब देंहटाएं
  12. यदि ये सच होता तो दुनिया में कोई भी दुखी नहीं होता |

    जवाब देंहटाएं
  13. ज्ञानवर्द्धक आलेख .. आपको दीपावली की शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  14. आपको भी सपरिवार दीपावली की हार्दिक मंगलकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  15. दीपावली के पावन पर्व पर आप सभी को मित्रों, परिजनों सहित हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ!

    way4host
    RajputsParinay

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत बढ़िया लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!
    आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  17. वास्तुपरक महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करने के लिए आभार

    दिवाली-भाई दूज और नववर्ष की शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  18. आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूं । पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देकर मेरा भी मनोवल बढाएं । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  19. आपका पोस्ट अच्छा लगा । मेर नए पोस्ट पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  20. इस नयी जानकारी को हमारे साथ बाँटने के लिए आपका आभार.दीपावली कि ढेरों शुभ कामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  21. आदरणीय सुशील बाकलीवाल जी अभिवादन सुन्दर जानकारी ये सुमंगल दीप सब का कल्याण करे ..आप को ढेर सारी शुभ कामनाएं
    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  22. आपके पोस्ट पर आना सार्थक लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । सादर।

    जवाब देंहटाएं
  23. जानकारी काम की है आपके ब्लॉग पर

    जवाब देंहटाएं
  24. bahut bahut dhyanwad. aapki jankari maine nirogdham me padi us time maine shubh magal deepka ka upyog kiya aur iska result positive tha uske bad maine is technique ko bahut miss kiya but net par ye mil gya aapka bhahut bhahut dhanyawad

    जवाब देंहटाएं
  25. बहुत बहुत धन्यवाद् 🙏, काफी समय से में इस सुमांगल दीपक के बारे में जानकारी चाह रही और आज में इसे पाने में सफल रही। इसकी बहुत बहुत ज़रूरत है मुझे, बहुत सी परेशानियों से जूझ रही हूं में इसलिए इसके ज़रिए सब कुछ ठीक करना चाहती हूं।
    एक बार फिर आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद् 🙏।

    जवाब देंहटाएं

आपकी अमूल्य प्रतिक्रियाओं के लिये धन्यवाद...