27.9.11

समय प्रबन्धन में कमजोर मैं.



          पिछले कुछ समय से अपनी उन व्यापारिक गतिविधियों में व्यस्त हो जाने के कारण जिनसे संयोगवश पहले अपने छोटे पुत्र के विवाह फिर मकान बदलने की प्रक्रिया में अपना 35 वर्ष पुराना मकान बेचकर नया मकान बनवाने की मशक्कत और उसके तत्काल बाद इस हिन्दी ब्लाग जगत से जुडाव के कारण 2 वर्ष की लम्बी अवधि से मैं पुरी तरह से विमुख हो गया था उसमें नये सिरे से स्वयं को व्यस्त करने की चाहत के चलते मेरी व्यस्तता उस दिशा में ऐसी बनती चली गई कि चाहते हुए भी मैं इधर समयानुसार अपनी नियमित उपस्थिति दर्ज नहीं करवा पाया । 
 
          ब्लागिंग का यह क्षेत्र भी दिमागी एकाग्रता से ही चल पाना सम्भव हो पाता है और यदि दिन भर शरीर और दिमाग कहीं और व्यस्त हो जावे तो इधर भी अपनी ईमानदार उपस्थिति कैसे दर्शाई जा सकती थी ? समय प्रबन्धन की कला में मैं शायद कभी भी पारंगत नहीं रहा इसीलिये जहाँ भी देखा तवा-परात वहीं बितादी सारी रात की ही तर्ज पर जहाँ भी मैं रहा पूरी तरह से वहीं का होकर रह जाना ही मेरी फितरत बनती चली गई । इसी दौर में हमारे सामाजिक पर्वों की श्रृंखला की व्यस्तताएँ भी जुडती गई जिसके चलते पिछले पन्द्रह-बीस दिनों से तो मेरे ई-मेल अकाउन्ट पर फेस-बुक की ओर से भी गैरहाजिरी के नोटिफिकेशन मुझे हर दूसरे दिन बार-बार मिलते रहे । इसी अवधि में सम्माननीय श्री अनूप शुक्लाजी और सबके जन्मदिन की चिंता रखने वाले श्री बी. एस. पाबलाजी के जन्मदिन भी आकर गुजर गये जिन पर मैं अपनी ओर से उन्हें शुभकामनाएँ भी नहीं दे पाया जिसका अफसोस अब अगले 365 दिनों तक तो रहना ही है । 
 
          अतः इस पोस्ट के द्वारा मैं इस ब्लागवुड के अपने उन सभी मित्रों को सिर्फ यह कारण बताने का प्रयास ही कर रहा हूँ जिनके मन में मेरी इस लम्बी गैरहाजिरी को लेकर नाना प्रकार के कयास चलते रहे हैं । अभी भी मैं यह तो नहीं कह सकता कि अब से मैं प्रतिदिन पूर्व के समान ही अपनी उपस्थिति यहाँ नियमित रुप से दर्शाता रह सकूँगा लेकिन चूंकि अब व्यापार क्षेत्र में भी इस अवधि में कुछ तो गाडी पटरी पर आ ही चुकी है इसलिये ईमानदार कोशिश के द्वारा यहाँ भी अपनी मौजूदगी की अल्पकालीन ही सही नियमितता बनाये रख सकूँ ऐसी कोशिश अवश्य करता रहूँगा । 
 
          शेष आप सभीके स्नेह और शुभकामनाओं की चाहत के साथ
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24 टिप्‍पणियां:

  1. जीवन में व्यस्तता-त्रस्तता चलती ही रहती है...आपके महत्पूर्ण पोस्टों की कमी अवश्य महसूस हुई...आपके लेखों की प्रतीक्षा है.

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  2. घर के कार्य भी आवश्यक हैं। आपकी प्रतीक्षा रहती है।

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  3. हम आपके साथ हैं ...
    शुभकामनायें आपको !

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  4. जीवन में व्यस्तता चलती ही रहती है| घर के कार्य भी आवश्यक हैं।

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  5. शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं .

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  6. कार्य और मन की मौज दोनों साथ रहनी चाहिए।

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  7. स्वागत है आपका
    जीवन में कार्य तो सभी करने पड़ते है

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  8. जीवन में व्यस्तता चलती ही रहती है

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  9. सब काम जरूरी होते है लेकिन प्राथमिकता उन्हे ही दी जा सकती है जो बेहद आवश्यक होते हैं और उनमे घर सबसे पहले आता है।

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  10. व्यस्तता तो लगी ही रहती है ...

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  11. शक्ति-स्वरूपा माँ आपमें स्वयं अवस्थित हों .शुभकामनाएं.

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  12. व्यस्त रहना जीवन को सार्थक बनाता है ... प्राथमिकताएं पहले ज़रुरी हैं ...

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  13. इत्मिनान से आयें...अन्य कार्य भी जरुरी हैं....

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  14. ghar ko prathmikta deni hi padti hai...
    ...vystta ke chalte bahut baar yah batane kee hi fursat nahi rahti hai, lekin aapne gairhazri ka karan sabko bataya, yah dekhkar achha laga.

    NAVRATRI kee aapko spariwar haarik shubhkamnayen!

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  15. होता है..होता..बिन अवकाश मजा कहां होता है!

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  16. विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं। बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक यह पर्व, सभी के जीवन में संपूर्णता लाये, यही प्रार्थना है परमपिता परमेश्वर से।
    नवीन सी. चतुर्वेदी

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  17. विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  18. आपकी वापसी शुभ हो । नये नये लेखों की प्रतीक्षा में ।

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  19. सही कह रहे हैं आप .. मैं भी काफी दिनों से व्‍यस्‍तता के दौर से ही गुजर रही हूं !!

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  20. किसी लिंक से होते हुये आपकी इस पोस्ट तक पहुंचा। आपका आभार कि आपने मुझे जन्मदिन की बधाई दी।

    समय प्रबंधन के बारे में क्या कहा जाये। हमारा खुदै ये वाला हिसाब चौपट है।

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आपकी अमूल्य प्रतिक्रियाओं के लिये धन्यवाद...