5.11.19

कितने घातक ऐसे फेसबुकी फ्रेंड...


      फेसबुक की उपयोगिता व इसका खुमार सामान्यजन के जीवन में जिस तेजी से फैल रहा है चलते-फिरते इंटरनेट युक्त स्मार्टफोन के इस युग में ये किसी से छुपा नहीं है । नित नए मित्रों को बढाते चले जाने वाले इन मित्रों में कौन किस प्रवृत्ति और नियत से हमसे जुडा हैये हम जान नहीं पाते । किंतु लाईक व कमेन्ट्स की चाह यहाँ हमारे क्रियाकलापों पर हॉवी रहती है । लडके-लडकियों की आपसी मित्रता फेसबुक पेज से इसके मैसेंजर पर आकर पहले चेटिंग फिर फोन संपर्क के माध्यम में परिवर्तित होते हुए नितांत अंतरंगता के दायरे में पहुँच जाती है जहाँ कई बार युवतियां ब्लेकमेल का शिकार होती भी दिखती रही हैं ।

      इस पर प्रकाशित लाईव स्टेटस के दुरुपयोग में कभी किसी का छोटा बच्चा अपह्रत हुआतो कभी सपरिवार यात्रा के दौरान किसी का चोरों द्वारा पूरा घर साफ कर जाने जैसे वाकये तो देखने-सुनने में आते रहे हैंलेकिन मूर्ख बनाकर सम्पन्न परिवार के खजाने खाली करवा देने वाला एक ताजा प्रसंग मासिक पत्रिका ‘सत्यकथा’ में देखने में आयाउसके मुताबिक-          

           छत्तीसगढ राजनांदगांव के पारा कस्बे में निवासित सुनिता आर्य ने स्मार्टफोन की मदद से इस आभासी दुनिया में नया कदम रखा । नये-नये लोगों को मित्र बनाना उसे अच्छा लगने लगा । एक दिन उसके पास डेविड सूर्ययन नामक किसी शख्स की फ्रेंड रिक्वेस्ट आईउसकी प्रोफाईल देखने पर वो लंदन में रहने वाला दिखा । प्रसन्नता से उसने फेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर पति को भी सगर्व उस नई मित्रता के बारे में बताया । काम-धंधे में व्यस्त पति ने पत्नी को प्रसन्ऩ देखकर उसे प्रोत्साहित ही किया और बात आई-गई हो गई । फिर डेविड के साथ सुनीता की चैटिंग बढने लगीकभी डेविड हिंदुस्तान के बारे में पूछता और कभी लंदन के मुख्य स्थानों की जानकारी देते उसे वहाँ आने को निमंत्रित करता । फोन संपर्क पर भी वो आने लगे और डेविड सुनीता को बहनजी कहते हुए बडे सम्मान से उससे बातें करने लगा ।

       एक दिन मोबाईल पर डेविड का फोन आयाकुशलक्षेम पूछने-बताने के बाद वो बोला- मैं अभी कामकाज के सिलसिले में फिनलैंड आया हूँसुन्दर जगह है और मैं यहाँ से आपके लिये भी कुछ गिफ्ट ले रहा हूँ । सुनीता को अच्छा लगने के बाद भी उसने औपचारिक रुप से उसे मना कियालेकिन प्रसन्नतापूर्वक अपने पति को भी उसके इस मित्र द्वारा भेजी जाने वाली फॉरेनर गिफ्ट के बारे में बता दिया ।

       दूसरे दिन सुनीता के मोबाईल पर किसी अनजान नंबर से फोन आया । जिसपर उधर से पूछा गया कि क्या आप सुनीता आर्य बोल रही हैं  ?  इधर से हाँ का उत्तर मिलने पर जवाब आया कि मैं फिनलैंड से कस्टम ऑफिसर स्टेनली बोल रहा हूँआपके नाम भारत भेजे जा रहे सोने के गहनों का एक पार्सल कस्टम विभाग ने जब्त किया हैफिलहाल हमने कार्यवाही रोक रखी है । यदि आप उसकी कस्टम ड्यूटी चुका दें तो वो पार्सल आप तक भेजा जा सकता है । सुनीता के द्वारा यह पूछने पर कि कस्टम ड्यूटी कितने रुपये की हैउधर से बताया गया कि 61,500/- रु. की । यह सोचते हुए कि ज्वेलरी की खरीदी में डेविड के पास रुपये कम पड गये होंगे और अब रु. न होने के कारण वो भला आदमी कस्टम में फँस रहा होगा । वो तुरंत अपने बैंक पहुंची और बताये गये बैंक खाते में 61,500/- रु. जमा करवाकर उस नंबर पर सूचित कर दिया । उस व्यक्ति ने धन्यवाद देते हुए शीघ्र पार्सल भिजवाने का आश्वासन देते हुए फोन रख दिया । 

       सोने के विदेशी गहनों की राह देखती सुनीता को 5-6 दिन बाद फिर अन्जान नंबर से फोन आयावह सुनीता आर्य ही बोल रही है ये कन्फर्म कर बताया गया कि फिनलैंड में आपके खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ है जिसके मुताबिक आपने डेविड सूर्ययन के मार्फत तस्करी का सोना भारत मंगवाने का अपराध किया है जिसमें आपको कई साल की जेल की सजा होगी । डेविड तो हमारी गिरफ्त में और हमारी कस्टम टीम आपकी गिरफ्तारी के लिये तैयारी कर रही है ।

      यह सुनकर सुनीता के हाथ-पांव फूल गयेवो उस व्यक्ति के समक्ष फोन पर गिडगिडाते हुए बोली- भैया मैंने तो कोई गल्ति नहीं कीआप प्लीज मुझे माफ करदो । उधर से आवाज आई- आप सही हैं या गलत ये फैसला तो कोर्ट करेगीआप भली महिला लग रही हैं इसलिये आप चाहें तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ । भैया आपकी बडी मेहरबानी होगी कहते हुए सुनीता लगभग रो पडी । तो सुनिये मैं अधिकारियों को कुछ दे-दिलाकर आपका नाम इस सूचि से बाहर करवा सकता हूँलेकिन इसमें 5 लाख रु. लगेंगे जिसका आपको आज ही इन्तजाम करना होगा नहीं तो स्थिति मेरे हाथ से निकल जाएगी । डरी-सहमी सुनीता ने मरता क्या न करता कि स्थिति में उसी दिन बैंक जाकर बताये गये बैंक खाते में 5 लाख रु. ट्रांसफर करवा दिए और उस दिन को कोसने लगी जब उसने फेसबुक की ये फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की थी । 

      वह नहीं जानती थी कि ये 5 लाख रु. भेजकर वह उस चंगुल से मुक्त नहीं हुई थीबल्कि और भी उलझ गई थी । दो दिन बाद उसके पास उसी अधिकारीनुमा शख्स का फिर फोन आया कि आपके रुपये से मैं सिर्फ आपके खिलाफ होने वाली कार्यवाही की गति को ही रुकवा पाया हूँउपर के अधिकारियों को चुप रखने के लिये आपको और रुपये भेजना होंगे । इसी तरह उधर से सुनीता को डरा-डराकर 40 लाख रु. से भी अधिक की रकम उससे ट्रांसफर करवा ली गई । इधर मामला खत्म हो पाएगा या उसे जेल जाना पडेगा सोचते-सोचते डरी-सहमी सुनीता का स्वास्थ्य भी खराब रहने लगा । अपराधबोध में घुटते आखिर एक दिन उसने सारा वाकया अपने पति को बता दिया और फूट-फूटकर रोने लगी । पढे-लिखे पति की आँखें फटी रह गई कि तुमने डर के मारे इतने रुपये ट्रांसफर करवा दिये और मुझे बताया तक नहीं ।

          दूसरे दिन उसके पति ने अपने राजनीतिक सम्पर्क के साथ राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक के पास पहुँचकर अपनी पत्नी के साथ होने वाली इस घटना की जानकारी दी । पुलिस अधीक्षक समझ गये कि योजनाबद्ध तरीके से उनकी पत्नी को ठगा गया है । उन्होंने पहले इसकी रिपोर्ट लिखवाई और 

      रिपोर्ट के आधार पर पुलिस की जांच जब आगे बढी तो पहले उस नंबर को सर्च किया गया जिससे फोन कॉल आती थीपता चला कि ये नंबर दिल्ली से ऑपरेट हो रहा था और वर्तमान में बंद है । जिस अकाउन्ट में सुनीता ने रुपये ट्रांसफर किये थे पुलिस जब उन तक पहुँची तो फर्जीवाडा खुलता चला गया । इधर वो मोबाईल नंबर भी रांची (झारखंड) में चालू हो गयाउसके मालिक रमन्ना तक पुलिस पहुँची तो उसने बताया कि ये सिमकार्ड उसे दिल्ली के नाईजीरियन युवक स्टेनली ने बेचा था ।

          रमन्ना कि निशानदेही पर पुलिस ने जब दिल्ली से स्टेनली ओकवो और नवाकौर एमानुएल नामक युवकों को पकडातो उन्होंने अपना अपराध स्वीकार करते हुए अपनी ठगी का ये तरीका सिलसिलेवार पुलिस अधिकारियों को बताया । उनके कब्जे से पुलिस सिर्फ 5 लाख रु. ही बरामद कर पाई । जबकि बडी रकम के नुकसान के साथ ही एक लम्बे मानसिक संत्रास से गुजरने की सजा तो उस महिला के साथ उसके पति को भी पत्नी के फेसबुक मित्रों पर अंधविश्वास के कारण भुगतना ही पडी ।

       समझने वाली बात यही है कि ऐसे अपुष्ट माध्यम से किसी भी अन्जान शख्स से दोस्ती गांठकर खुश हो लेनाजिसका वास्तविक नाम व शख्सियत भी हम नहीं जानते वो हमें कहाँ तक संकट में पहुँचा सकता है । आप बेशक इस माध्यम का रोजमर्रा के जीवन में भरपूर आनंद लेंलेकिन इतनी सतर्कता भी रखें कि किसी भी अपरिचित शख्स से बेमतलब की मित्रता से दूरी बनाये रखना ही श्रेयस्कर है ।

1 टिप्पणी:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 05 नवम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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