कुछ दिनों पूर्व समाचार-पत्रों में फिल्मी कलाकार को सिर्फ उसकी आंखों से पहचानने पर 14,000/- ऱु. मूल्य का मंहगा मोबाईल उपहार में जीतने के आफर की एक पहेली का प्रकाशन हुआ । इन्दौर के खजराना क्षेत्र निवासी एक शख्स ने अपना जबाब विज्ञापन में दर्शित पते पर भेजा । कुछ दिनों में उन्हें उत्तर मिला कि बधाई हो आपका जवाब सही है और आप अपना 14,000/- ऱु. मूल्य का मोबाईल प्राप्त करने के लिये डिलीवरी शुल्क के 4,000/- ऱु. और कमीशन शुल्क के 200/- रु. मिलाकर 4200/- रु. निम्न पते पर भेजें ।
सम्बन्धित शख्स ने दिये पते वैद्ध उपेन्द्रप्रसाद, कतरीसराय के नाम पर 4200/- रु. म. आ. भेज दिया । कम्पनी ने बडी ईमानदारी से उन्हें पार्सल भी भेजा लेकिन जब उन्होंने उस पार्सल को पोस्ट आफिस में ही खोलकर देखा तो वे महाशय यह देखकर दंग रह गये कि उस पार्सल में 14000 /- रु. के मंहगे मोबाईल के बजाय पैकिट में करीने से पैक पिसी हुई मेंहदी निकल रही है । जब वे शिकायत करने पुलिस के पास पहुँचे तो पुलिस ने उन्हे उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत करने का सुझाव देकर चलता कर दिया ।
पाठकों को याद होगा कि इसी ब्लाग पर इस किस्म की ठगी जो मोबाईल कंपनियों के टावर लगाने के नाम पर करने के उद्देश्य से चल रही थी, उससे सचेत करती हुई एक पोस्ट 28-12-2010 को "बचके रहना रे बाबा बचके रहना रे..." के नाम से इनकी धोखेबाजी से सचेत करती हुई भी छपी थी किन्तु ये खबर प्रतीक है कि लूटने वाले ऩये-ऩये हथकंडे अपनाते हुए अपने उद्देश्य में सफल होते जा रहे हैं और आसानी से सब मिल जावे की सुविधाभोगी सोच रखने वाले इनके जाल में फंसते भी चले आ रहे हैं ।
सामान्य लोगों को इन खुले आम घूम रहे जालसाजों से बचाया जा सके ऐसे कानून का भय कहाँ है ?
बहुत जरुरी आलेख हमारी आँखें खोलने में सक्षम...
जवाब देंहटाएंऐसी ठगी से बच के रहना चाहिए।
जवाब देंहटाएंजागरूकता फैलाने के लिए ज़रूरी पोस्ट।
इस तरह की घटनाये बड़ी संख्या में होती रही है , आश्चर्य की लोग अब भी इनके झांसे में आते हैं ..!
जवाब देंहटाएंजागरूकता फैलाने के लिए ज़रूरी पोस्ट।
जवाब देंहटाएंअशिक्षा और लालच इसके लिय जिम्मेदार हैं ।
जवाब देंहटाएंहमे सावधान रहने की जरूरत है। धन्यवाद इस जानकारी के लिये।
जवाब देंहटाएंसुशील जी, कदम कदम पर ऐसे लुटेरे बैठे हुए हैं, इसलिए जरूरी है कि आप स्वयं उनसे जागरूक रहें और लोगों को जागरूक करें।
जवाब देंहटाएं---------
ज्योतिष,अंकविद्या,हस्तरेखा,टोने-टोटके।
सांपों को दुध पिलाना पुण्य का काम है ?
बहुत महत्वपूर्ण लेख है। यह कई लोगों को सचेत करेगा। उम्दा लेख के लिये बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंइन्दोर के खजराना क्षेत्र निवासी की मूर्खता की कथा पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंजिसे इतना भी समझ नहीं आता हो उसके पास धन रहना भी नहीं चाहिए.
इस तरह के प्रचार हम फाड़ कर फेंक देते हैं।
जवाब देंहटाएंआदरणीय सुशील बाकलीवाल जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
अब इसको क्या कहेंगे ? कहेंगे क्या … ! ठगी का यह तरीका तो मैं अपने बचपन से … 30-32 वर्ष पहले से देखता आ रहा हूं और कुछ बंदे अब भी इससे अनजान हैं … ताज़्ज़ुब है !
ख़ुद का लालच ही नुकसान करवाता है …
नेट पर सक्रिय हम जैसों के सामने ठगी का एक नया रूप है हमारी मेल आई डी को लॉटरी का लाखों-करोड़ों का इनाम मिलना … आपमें से कइयों को इस तरह की मेल मिलती होगी ।
मैं तो अब तक खरबपति बन चुका हूं ऐसे पुरस्कार मेरी आई डी के लिए घोषित होते रहने के कारण :) मैं कभी जवाब ही नहीं देता ।
दुनिया में लोग हमसे लिया हुआ पैसा भी आसानी से नहीं लौटाते …
और ये हमदर्द हमें फ़ोकट में लाखों-करोड़ों देंगे … :)
अच्छी पोस्ट! अच्छा ब्लॉग !
हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
sachet kar diya aapke lekh ne !
जवाब देंहटाएंआज ठगी के अनेक तरीके निकल रहे हैं..सभी को जागरूक रखने के लिए सराहनीय प्रयास ..
जवाब देंहटाएंआज जरुरत है आम आदमी को जागरूक होने की वर्ना मजाल है कोई ठग के निकल जाये .. अच्छा और सराहनीय प्रयास..
जवाब देंहटाएंबहुत जरुरी आलेख हमारी आँखें खोलने में सक्षम...
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रयास लोंगों को जागरूक करती एक सुंदर प्रस्तुति. लूट का तरीका भी आजकल बदलने लगा है. कब कहा कोई मिल जाये.........
जवाब देंहटाएंएक सराहनीय पोस्ट
जवाब देंहटाएंलालच, ठगी की प्रेरणा भी है, जाल भी इसी से बुना जाता है.
जवाब देंहटाएंसुशिल जी ,इसी तरह की बहुत सी स्किम रोज नेट पे और मोबाईल पे आती रहती हे |भोले भाले लोग फसते रहते हे --सरकार को कुछ करना चाहिए |
जवाब देंहटाएं