tag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post5528556993363140956..comments2023-12-17T09:11:07.456+05:30Comments on नजरिया: सबसे अनमोल क्या...?Sushil Bakliwalhttp://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-87666629666545841922011-02-14T14:06:26.169+05:302011-02-14T14:06:26.169+05:30सत्यं शिवम सुंदरम।सत्यं शिवम सुंदरम।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-68782317067750560372011-02-10T14:22:18.140+05:302011-02-10T14:22:18.140+05:30aaj - kal jaan birabal ke samay se bhi , ...aaj - kal jaan birabal ke samay se bhi , jyada pyari hai. good.G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-9365422526387277112011-02-10T11:13:24.149+05:302011-02-10T11:13:24.149+05:30संदेशपरक ...सुन्दर ..बधाईसंदेशपरक ...सुन्दर ..बधाईAmrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-22079955646362813332011-02-10T11:11:49.022+05:302011-02-10T11:11:49.022+05:30यूँ तो आपकी हर बात सच है, पर हाँ, थोड़ा सा विरोधाभा...यूँ तो आपकी हर बात सच है, पर हाँ, थोड़ा सा विरोधाभास तो है. बिल्ली का पता नहीं, पर आम तौर पर हर माँ अपने बच्चे से पहले खुद मर जायेगी. ममता का ये एक रिश्ता शायद अपनी जाँ से बढ़कर है....अलावा इसके हाँ, अपनी जाँ तो सभी को प्यारी है....और हाँ, इसके लिए लोग बोहोत स्वार्थी भी हो जाते है....सही ही कहा आपने....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-49510882388545242652011-02-10T11:11:11.719+05:302011-02-10T11:11:11.719+05:30यूँ तो आपकी हर बात सच है, पर हाँ, थोड़ा सा विरोधाभा...यूँ तो आपकी हर बात सच है, पर हाँ, थोड़ा सा विरोधाभास तो है. बिल्ली का पता नहीं, पर आम तौर पर हर माँ अपने बच्चे से पहले खुद मर जायेगी. ममता का ये एक रिश्ता शायद अपनी जाँ से बढ़कर है....अलावा इसके हाँ, अपनी जाँ तो सभी को प्यारी है....और हाँ, इसके लिए लोग बोहोत स्वार्थी भी हो जाते है....सही ही कहा आपने....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-39754607791798643712011-02-10T01:39:34.189+05:302011-02-10T01:39:34.189+05:30sach kaha!sach kaha!VIVEK VK JAINhttps://www.blogger.com/profile/15128320767768008022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-29174401347779847002011-02-09T18:26:45.474+05:302011-02-09T18:26:45.474+05:30बहुत सार्थक और प्रेरणाप्रद लेख| आभार.....बहुत सार्थक और प्रेरणाप्रद लेख| आभार.....Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-83762344146866787782011-02-09T11:11:18.495+05:302011-02-09T11:11:18.495+05:30शिक्षाप्रद एवं जीवन दर्शन से परिपूर्ण सुंदर लेख के...शिक्षाप्रद एवं जीवन दर्शन से परिपूर्ण सुंदर लेख के लिए बधाई।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-11659528958168771662011-02-09T07:38:02.796+05:302011-02-09T07:38:02.796+05:30वसंत पंचमी की ढेरो शुभकामनाएवसंत पंचमी की ढेरो शुभकामनाएसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-77821250599805130672011-02-09T07:36:12.281+05:302011-02-09T07:36:12.281+05:30आदरणीय सुशिल जी
नमस्कार !
...प्रेरणाप्रद लेखआदरणीय सुशिल जी <br />नमस्कार !<br />...प्रेरणाप्रद लेखसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-9891829419876045312011-02-08T21:12:47.043+05:302011-02-08T21:12:47.043+05:30यह कथा इस बात का संकेत है कि हम जीवन को कूड़ा बनान...यह कथा इस बात का संकेत है कि हम जीवन को कूड़ा बनाने की लत मनुष्य के जीन में है। जिन्हें पाने के लिए हमने जीवन का अधिकांश लगा दिया,प्राप्ति के उपरांत उसकी निस्सारता का बोध ही जीवन की अंतहीन कामना का कारण है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-43752386014663617002011-02-07T18:59:58.419+05:302011-02-07T18:59:58.419+05:30बहुत सार्थक और प्रेरणाप्रद लेख| आभार|बहुत सार्थक और प्रेरणाप्रद लेख| आभार|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-65955915271590128412011-02-07T17:47:39.691+05:302011-02-07T17:47:39.691+05:30बहुत अच्छी बात कही है । इसे हम ऐसे भी पूछ सकते हैं...बहुत अच्छी बात कही है । इसे हम ऐसे भी पूछ सकते हैं --जिंदगी में मनुष्य सबसे ज्यादा किसे प्यार करता है ?डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-19551922086976125562011-02-07T17:43:06.165+05:302011-02-07T17:43:06.165+05:30अंशुमालाजी,
आपका कहना सत्य है कि कई बार यह परिस्थि...अंशुमालाजी,<br />आपका कहना सत्य है कि कई बार यह परिस्थितियों पर भी निर्भर होता है- जैसे कभी जब दो व्यक्ति मरने-मारने पर उतारु लडाई लड रहे हों और कोई तीसरा सिर्फ बीच-बचाव करने के नेक जज्बे के साथ उनके बीच ये कोशिश करता है और उन्हीं दोनों में से किसी के हाथों मारा जाता है । अब यहाँ ऐसी स्थिति में ये कोई सोची समझी शहादत तो नहीं हुई । लेकिन लोगों का नजरिया शायद उसे शहादत ही समझेगा ।Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-21270586616507491562011-02-07T17:29:22.729+05:302011-02-07T17:29:22.729+05:30बहुत ही सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है आपने, आभा...बहुत ही सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है आपने, आभार.Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-9422672692963677352011-02-07T16:57:04.645+05:302011-02-07T16:57:04.645+05:30अप ने सही कहा की अपनी जान सबसे मुल्वान होती है किन...अप ने सही कहा की अपनी जान सबसे मुल्वान होती है किन्तु मुझे लगता है की ये कई बार परिस्थितियों पर भी निर्भर होता है की जीवन में सबसे मूल्यवान क्या है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-66228686895962257132011-02-07T16:01:34.476+05:302011-02-07T16:01:34.476+05:30बहुत ही प्रेरणाप्रद लेख ...
आभार ..बहुत ही प्रेरणाप्रद लेख ...<br />आभार ..सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-34320987925198084332011-02-07T15:33:43.230+05:302011-02-07T15:33:43.230+05:30बहुत सार्थक पोस्टबहुत सार्थक पोस्टKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-83935908605741917202011-02-07T15:00:43.212+05:302011-02-07T15:00:43.212+05:30सच कहा बीरबल ने जान हे तो जहान हे --उम्दा प्रस्तु...सच कहा बीरबल ने जान हे तो जहान हे --उम्दा प्रस्तुति --बधाई सुशिल जी |दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-78935203697030935282011-02-07T11:34:08.295+05:302011-02-07T11:34:08.295+05:30काश हम इन वास्तविकताओं के साथ जी पाते ....जिस नजरि...काश हम इन वास्तविकताओं के साथ जी पाते ....जिस नजरिये से आपने इस पोस्ट को लिखा है ....अपने मंतव्य में सफल है यह पोस्ट ...आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-89205472928699070352011-02-07T11:16:36.957+05:302011-02-07T11:16:36.957+05:30अच्छी सीख ! शुभकामनायें आपको !!अच्छी सीख ! शुभकामनायें आपको !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-45870062582895074842011-02-07T11:00:15.500+05:302011-02-07T11:00:15.500+05:30जीवन यात्रा कब अपने अंतिम पड़ाव पर आ पहुंचे, कोई न...जीवन यात्रा कब अपने अंतिम पड़ाव पर आ पहुंचे, कोई निश्चित नहीं है। फिर भी लोग उसे बचाने के जतन करते ही रहते हैं, लेकिन यह तो प्रत्येक प्राणी के स्वभाव में है।<br /><br />प्रेरणा देता आलेख।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-37740055396035720732011-02-07T10:54:59.163+05:302011-02-07T10:54:59.163+05:30मजेदार एवं शिक्षाप्रद।
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समाधि द्वारा सिद...मजेदार एवं शिक्षाप्रद।<br /><br />---------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">समाधि द्वारा सिद्ध ज्ञान।</a> <br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">प्राक़तिक हलचलों के विशेषज्ञ पशु-पक्षी।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-59706525919349146212011-02-07T10:09:21.260+05:302011-02-07T10:09:21.260+05:30Bahut achchha aalekh.......Badhai.......Bahut achchha aalekh.......Badhai.......संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2400677247486190844.post-63545910168341554212011-02-07T09:43:02.986+05:302011-02-07T09:43:02.986+05:30शायद "देख लूँ तो चलूँ" लिखने से पहले सम...शायद "देख लूँ तो चलूँ" लिखने से पहले समीर जी ने यही कहानी पढी हो। सुन्दर आलेख। बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com