13.7.16

मतलब परस्ती...!


            एक बार विभिन्न श्रेणी के तीन लोग बैठ कर बातें कर रहे थे और बड़ी ही जोर-जोर से  हंस रहे थे - उन में से एक किसी मीडिया चैनल का मालिक था,  दूसरा एक विदेशी था और तीसरा कोई एक नेता  था ।

            सब से पहले विदेशी बोला - यहाँ के लोग तो मूर्ख हैंहमारा कूड़ा खाते हैं, हमारे कुत्तो के साबुन से नहाते हैं ।  हमारे बनाये कीटनाशकों को कोल्डड्रिंक के रुप में अमृत समझ के पीते  हैं । इनकी ही गौमाता को मारकर हम मैग्गी, लेज और इस जैसे सभी सामानों में मिलाते  हैं और ये मूर्ख ब्रांडेड समझ के मजे से खा  जाते हैं ।  नीम की दातुन को  छुङवा के लगा दिया कोलगेट घिसने परजो बनती है जानवरों की हड्डी पिसने पर । 

            दीवाली जैसे त्यौहारों पर  भी अब ये हमारी चाकलेट कुरकुरे खाते हैं और अपनी ही गौमाता  के  दूध में मिलावट  बताते हैं ।  हम यहाँ बैठ कर इनको अपने इशारे पे नचवाते हैंरामसेतु आदि यहीं  बैठकर तुडवाते  हैं । यह जो थे कभी दुनिया के मालिक, आज नौकर इनको बना दियाआसमान  से पटक कर मिट्टी में इनको मिला  दिया ।  पर  इन मूर्खो को अभी भी अक्ल  नहीं आई । आज भी ब्रांडेड से नहाते  हैं, ब्रांडेड खाते हैं,  ब्रांडेड चलाते हैं, ब्रांडेड पहनते हैं । हा... हा... हा...  पूरे कमरे में गूंज रही  ठहाको की  फुलवारी थी ।

            अब - "विदेशी" के बाद "नेता" की बारी थी । दारु का गिलास  उठा के नेता बोला  अरे मेरे विदेशी भाई तुमने हमको कम तोला । ये लोग तुम्हारे गुलाम न होते हम अगर तुम्हारे साथ न होते । इस सोने की चिड़िया को हमने ही रुलाया है । यहाँ का साम्राज्य हमने ही तुम्हें दिलाया है । तुमने तो सिर्फ पैसा और सामान ही दिया है, असली पागल  तो इनको  हमने किया है । कभी -  जात के नाम परकभी -   धर्म  के नाम पर,  हमने ही -  भाई को भाई से लड़ाया है । हम यहाँ सब-कुछ निचोड़ कर बिकवा  देंगे, तुम इत्मीनान रखना, बस पैसा कम न होने पाये, मेरे स्विस खाते  का ख्याल  रखना ।

            इसी बीच "मीडिया वाला" चिल्लाया - तोड़ दारु की बोतल  जोर से बङबङाया - अरे ! तुम दोनों कुछ भी न होतेअगर तुम्हारे साथ हम न होते ? तुम्हारी हर ओछी हरकत हम छुपाते  हैं, पकड़े हुए किसी बेकसूर को, ज़ालिम-ज़ालिम कहकर चिल्लाते हैं । ब्रांडेड आपके इसलिए बिकते  हैं  क्योंकि हर ब्रेक  में हमारे ये दिखते  हैं ।  विदेशी सामान का असली सच  हम दिखाते नहीं हैंइसलिए -  अच्छे स्वदेशी प्रॉडक्ट भी टिक पाते  नहीं  हैं, लोगों को मतिभ्रम में हम  फंसा रहे हैं  । इसीलिए आप सबको मुर्ख बना रहे हैं । हर चैनल, हर एंकर यहाँ बिकता  है । इसीलिए सुबह 6 बजे से हर जगह विदेशी प्रॉडक्ट दिखता है । अगर सिर्फ 24 घंटे हम ईमांनदारी से खबरें चला दें तो तुम्हें एक ही दिन में जेल  भिजवा दें...

            उपरोक्त स्थिति में सब हों या न हों किंतु इन माध्यमों में अधिकांश तो ऐसे ही  हैं । आपका क्या ख्याल है  ?
 सोर्स : WhatsApp
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10.7.16

जानिए - अपने सामान्य मानवाधिकार...


            आप कोई भी हों आप कुछ भी हो ये 5 बातें जानना आपके लिए बहुत जरूरी है-

           
बहोत सी ऐसी बातें- जिन्हें प्रायः हम ज़िंदगी में महत्व नहीं देते... जाने दो, छोड़ो, बाद में देख लेंगे, हमें क्या करना है…” जैसे शब्दों का प्रयोग करके बातें भूल जाया करते है और ज़िंदगी में आगे बढ़ जाते है । लेकिन क्या आप जानते हैहमारे देश में सामान्य मानव अधिकार से जुडे इन मुद्दों की कानूनन कुछ ऐसी हकीक़तें हैं, जिसकी जानकारी हमारे पास नहीं होने के कारण  हम समय आने पर अपने सामान्य अधिकारों से वंचित रह जाते है ।

           
जानिये  5 ऐसे सामान्य अधिकारों के बारे में, जो हममें से किसी के भी जीवन में कभी भी उपयोगी हो सकती है-

1.  
शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती-
           
कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो. अगर पुलिस ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है. इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है ।

2.
गेस सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है-
            पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारण आपके घर में सिलेंडर फट जाता है और आपको जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते हैं. आपको बता दे कि गैस कंपनी से 40 लाख रूपये तक का बीमा क्लेम कराया जा सकता है. अगर कंपनी आपका क्लेम देने से मना करती है या टालती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है. दोषी पाये जाने पर गैस कंपनी का लायसेंस रद्द हो सकता है ।

3. कोई भी हॉटेल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों ना हो, आप फ्री में पानी पी सकते हैं और वाशरूम इस्तमाल कर सकते हैं-
         इंडियन सीरीज एक्ट, 1887 के अनुसार आप देश के किसी भी हॉटेल में जाकर पानी मांगकर पी सकते है और उस हॉटल का वाश रूम भी इस्तेमाल कर सकते हैं. हॉटेल छोटा हो या 5 स्टार, वो आपको रोक नही सकते. अगर हॉटेल का मालिक या कोई कर्मचारी आपको पानी पिलाने से या वाशरूम इस्तमाल करने से रोकता है तो आप उन पर कारवाई  कर सकते है. आपकी शिकायत से उस हॉटेल का लायसेंस रद्द हो सकता है ।

4.
गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकला जा सकता-
           
मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता. मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो  उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है. इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है ।

5.
पुलिस अफसर आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकता-
           
आईपीसी के सेक्शन 166ए के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी आपकी कोई भी शिकायत दर्ज करने से इंकार नही कर सकता. अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वरिष्ठ पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. अगर वो पुलिस अफसर दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 1  साल तक की जेल हो सकती है या फिर उसे अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है ।

           
इन रोचक फैक्ट्स को  आप तक WhatsApp के द्वारा मोबाईल to मोबाईल आगे बढाया जा रहा है ।  इन आवश्यक तथ्यों को आगे के लिये भी अपने ध्यान मैं रखना, हर किसी के लिये उपयोगी ही रहेगा क्योंकि हमारे सामान्य अधिकारों के रुप में ये किसी के भी जीवन में कभी भी किसी महत्वपूर्ण अवसर पर काम में आ सकते हैं ।

सौर्स :  WhatsApp